नोएडा। सीआरटी व थाना सैक्टर-49 नोएडा पुलिस द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुये लोन व बीमा पालिसी के नाम पर लोगों को अपने जाल में फंसाने वाले 11 अभियुक्त जिसमें 02 पुरूष व 09 महिलायें गिरफ्तार, कब्जे से 25 मोबाइल, 81 डाटा शीट, 01 रजिस्टर, 01 ब्लैक डायरी, 02 फर्जी आधार कार्ड बरामद*
शुक्रवार को सीआरटी गौतमबुद्धनगर व थाना सेक्टर 49 पुलिस द्वारा संयुक्त कार्यवाही करते हुये लोकल इंटेलिजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर लोन व बीमा पालिसी के नाम पर दिल्ली एनसीआर के लोगों को अपने जाल में फंसाने वाले 11 अभियुक्त जिसमें 02 पुरूष 1. आशीष कुमार उर्फ अमित 2. जितेंन्द्र वर्मा उर्फ अभिषेक व 09 महिलायें 1. निशा उर्फ स्नेहा पुत्री शैलेन्द्र प्रसाद 2. रेजू उर्फ दिव्या पुत्री छोटेलाल पत्नी उदयराज 3. लवली यादव उर्फ स्वेता पुत्री वीरेन्द्र सिंह पत्नी बन्टी यादव 4. पूनम उर्फ पूजा पुत्री रमेशचन्द्र पत्नी सत्येन्द्र सिंह 5. आरती कुमारी उर्फ अनन्या पुत्री ओमप्रकाश गौतम 6. काजल कुमारी उर्फ सुर्ती पुत्री विजय कुमार चौधरी 7. सरिता उर्फ सुमन पुत्री तेरसीराम 08. बबीता पटेल उर्फ माही पुत्री गुलाबचन्द पटेल 09. गरिमा चौहान उर्फ सोनिया पुत्री बबलू चौहान को शर्मा मार्केट की चौथी मंजिल ग्रा0 होशियारपुर सैक्टर 51 नोएडा से गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार आशीष कुमार उर्फ अमित उपरोक्त ने पूछताछ में बताया कि मैं यहाँ पर इस सेन्टर को चला रहा हूँ, मैं एनसीआर0 क्षेत्र से बाहर राज्यों के लोगों को मोटी कमाई के लालच में लोन व बीमा के नाम पर धोखाधड़ी का काम करता व करवाता हूँ। जिसमें यह सभी लोग कमीशन पर मेरी मदद करते है, जिसका जितना कार्य होता है, उसका उतना कमीशन कैश के रूप में मिल जाता है। मैने पीएनबी बैंक का एक एकाउन्ट जोकि अरविन्द नाम के व्यक्ति कर्नाटक में रहता है से 10 हजार रूपये महीनें पर किराये पर लिया है। उसका डेबिट कार्ड/एटीएम भी मेरे पास है। जैसे ही इसमें पैसे आ जाते है, मैं एटीएम से जाकर पैसें निकाल लेता हूँ। एक काली डायरी है मेरे पास जिसके अन्दर पैसे का लेन-देन का हिसाब लिखा है तथा मौजूद सभी लडके व लड़कियों से कड़ाई से पूछताछ की गयी तो बरामद सामान एवं काम करने के तरीके के बारे में पूछने पर सभी ने बताया की हम सब लोग मिल कर दिल्ली एनसीआर0 के बाहर के राज्यों के भोले भाले लोगों को टारगेट करते है, जिन्हे बीमा पालिसी व लोन के नाम पर किराये पर लिये गये एकाउन्ट में पैसे ट्रांसफर कराते है, जिसे एटीएम से आशीष व जितेन्द्र निकालकर हम सभी लोग अपना अपना हिस्सा बाँट लेते है, जिसमें बडी हिस्सेदारी जितेन्द्र व आशीष की होती है। हम सब लोग सुबह लगभग 08.00 से लेकर रात्रि 20.00 बजे तक काल करते है जो मोबाइल फोन हम लोग उपयोग करते हे उनके सिम हम लोग फर्जी आधार कार्ड के जरिये जो टेन्ट लगाकर सिम बेचते है उन्हे अधिक पैसे देकर व फर्जी आधार कार्ड देकर खरीद लेते है इनके पास से फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुये है जिसका प्रयोग हम अपनी पहचान छुपाने के लिये करते है ।
आशीष उर्फ अमित उपरोक्त ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी0काम का छात्र रहा है, वर्ष 2019 में मैं व जितेन्द्र दोनों एसबीआई लाईफ इन्श्योंरेंस में पालिसी बेंचने का काम करते थे। मैं इसको तभी से जानता हूँ। फिर हमने सोचा कि कुछ बड़ा काम किया जाये इस उद्देश्य से हमने कुछ लड़कियों को अपने साथ जोड़कर फर्जी कालिंग करके बीमा व लोन देने के नाम पर इंडिया मार्ट की साइट से 2500/- रूपये में लगभग 10,000/- लोगों का पूरे भारतवर्ष के डेटा को खरीदकर लोगों को फोन कर पैसें लेने का काम शुरू किया था। जिसे हम लगभग 01 से 1.5 साल से अलग अलग जगहों पर रहकर कर रहे थे जिसमें हम लोगों ने करोडों रूपये कमाये जिसका हिसाब मेरे पास से मिली डायरी में लिखा है। जिसका जैसा काम था उसकों उसके पर्सेन्टेज के हिसाब से पैसे मिल जाते है।