इस्लामाबाद की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए एक बुरी खबर है। उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 60 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को मई में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों के मामले में पंजाब प्रांत में गिरफ्तार किया गया है।
अगले साल होना है चुनाव
पाकिस्तान में अगले साल आठ फरवरी को आम चुनाव होना है। इसकी घोषणा होने के बाद देशभर में पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई तेज कर दी गई है। बता दें, ये नौ मई और उसके तुरंत बाद गिरफ्तार किए गए लोगों के अलावा ताजा गिरफ्तारियां हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, कथित भ्रष्टाचार के मामले में खान की गिरफ्तारी के बाद सैन्य और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमलों के सिलसिले में मई की शुरुआत से उसके 10,000 से अधिक नेता और कार्यकर्ता जेल में बंद हैं।
लाहौर पुलिस ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘पुलिस ने नौ मई को लाहौर कोर कमांडर हाउस पर हुए हमले और मंगलवार को शहर के विभिन्न हिस्सों में एक प्लाजा (कथित तौर पर पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बेटे के स्वामित्व वाले) में आग लगाने में शामिल पीटीआई के 62 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।’
हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू
इसमें कहा गया है कि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है, लेकिन वे गिरफ्तारी से बच रहे हैं। पुलिस की एक भारी टुकड़ी ने पीटीआई अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही के रिश्तेदार और पूर्व सांसद मेजर (सेवानिवृत्त) ताहिर सादिक को गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास पर भी छापा मारा। इलाही पहले से ही जेल में है।
पीटीआई के वरिष्ठ नेता और पूर्व संघीय मंत्री मूनिस इलाही ने कहा कि पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ पंजाब पुलिस की बर्बरता चरम पर है क्योंकि वे महिलाओं को भी नहीं बख्श रहे हैं।
यह है मामला
अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा नौ मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में अशांति फैल गई थी जिसमें रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में आईएसआई की इमारत समेत दर्जनों सैन्य और सरकारी इमारतों में आग लगा दी गई थी और तोड़फोड़ की गई थी।
पुलिस ने पीटीआई के 10 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है और 100 से अधिक पर सेना अधिनियम के तहत मुकदमा चल रहा है। इमरान खान ने हमलों की साजिश रचने या उकसाने से इनकार करते हुए कहा कि यह आगामी चुनावों से पार्टी को बाहर करने के लिए एक सुनियोजित साजिश थी। उन्होंने पिछले साल अप्रैल तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और वर्तमान में लगभग 180 मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश मामले नौ मई की घटनाओं से पैदा हुए हैं।