ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा की दादरी थाना पुलिस ने एक बड़े ही शातिर चोरों के गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने इस गिरोह के पांच चोरों को गिरफ्तार किया है। इन चोरों के कब्जे से भारी मात्रा में चोरी का माल, नगद रुपए और घटना में प्रयुक्त एक कैंटर गाड़ी और एक फोर्ड कार बरामद की गई है।
दरअसल दादरी थाने पर 12 दिसम्बर को पीयूष जैन ने तहरीर देकर अज्ञात चोरों द्वारा अपने कन्स्ट्रक्शन प्लांट से लोहे के राफ्टर चोरी करने के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी दौरान 6 जनवरी को विजयपाल नाम के व्यक्ति ने थाना दादरी पर तहरीर देकर अज्ञात चोर द्वारा उसके मकान से सरियों के बन्डल चोरी कर लेने को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया।
इसके अलावा 7 जनवरी को दिवेश काकडिया ने थाना दादरी पर तहरीर देकर अज्ञात चोर द्वारा उसकी कम्पनी के पाईप चोरी कर लेने की शिकायत पुलिस से की। वहीं 8 जनवरी को उमेश कुमार ने पैरिफेरल पर लगी जाली को काटकर चोरी करने को लेकर पुलिस से शिकायत की। एक अन्य शिकायत भी दी गई जिसमें साइट से भाई की प्लेटफार्म में चोरी करने को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया। लगातार हुई चोरी की घटनाओं को लेकर पुलिस ने एक टीम का गठन किया और इन चोरों के गिरोह की तलाश में जुट गई।
इसी दौरान थाना दादरी पुलिस द्वारा तकनीकी साक्ष्यों व मैनुअल इंटेलिजेंस की सहायता से थाना क्षेत्र में हुई चोरी की घटनाओं का सफल अनावरण करते हुए 5 चोरों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान पुलिस ने आरिफ, मुकुंद, कपिल, तुषार व जावेद को थाना क्षेत्र के रूपवास बाईपास एनटीपीसी कट के पास से गिरफ्तार किया।
पुलिस ने इन लोगों के कब्जे से चोरी का माल-06 बण्डल सरिया, तीन बड़ी एवं तीन छोटी लोहे की प्लेट/फर्मा, 04 लोहे की ग्रिल जालीदार, तीन बड़े एवं दो छोटे लोहे के राफ्टर, 90 लोहे के पानी की टंकी के पाइप, 25000 रुपये, टाटा गुड्स कैरियर नं डीएल 1 एम 9215 (घटना में प्रयुक्त वाहन) व फोर्ड फिस्टा कार नं. यूपी 20 जेड 2271 (घटना में प्रयुक्त वाहन) बरामद की गयी।
ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि यह बड़े ही शातिर किस्म के चोर हैं। जिनका एक गिरोह है जो रेकी करने के बाद चोरी की वारदातों को अंजाम दिया करते थे। इनके द्वारा थाना क्षेत्र में लगातार चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया गया। इनके द्वारा की गई चोरी का माल बरामद कर दिया गया है और कुल पांच चोरों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों पर कई मुकदमे दर्ज हैं। यह ज्यादातर कंस्ट्रक्शन साइट को अपना निशाना बनाते थे और वहीं पर चोरी की वारदात को अंजाम दिया करते थे।