स्वाट-2 टीम व थाना सेक्टर-126 पुलिस ने संयुक्त रूप से अंतरराज्यीय प्रतिबंधित राज्यों में नकली तम्बाकू की तस्करी करने वाले 06 तस्करों को जेपी कट पुश्ता रोड से गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 138 बोरों में करीब 10 हजार किलो नकली तंबाकू बरामद किया गया।
ये लोग आलू की बोरियों की आड़ लेकर नकली तंबाकू की सप्लाई करते थे। जिस ट्रक को पकड़ा गया उसमें 16 बोरी आलू भी मिला जिससे इन लोगों ने तंबाकू की बोरियों को ढका था। पुलिस ने एक ट्रक और एक मारुति XL6 के साथ 61,560 रुपए बरामद किए है।
डीसीपी विद्या सागर मिश्र ने बताया कि ये तंबाकू प्रतिबंधित राज्यों जैसे केरल और कर्नाटक में सप्लाई किया जाता था। इसलिए इस तंबाकू को दो गुना रेट पर ब्लैक किया जाता था। पकड़े गए तंबाकू की लागत करीब 2 करोड़ रुपए है।
गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान मनोज निवासी प्रतापगढ उप्र, रमेश भट्टी निवासी बैंगलोर, सैय्यद जबी उल्ला निवासी बंगलौर राज्य कर्नाटक, परम निवासी वजीराबाद दिल्ली, शिवम जैसवाल जिला प्रतापगढ़ और जाकिर हुसैन निवासी बंगलौर (कर्नाटक) को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में इन तस्करों ने बताया कि नकली तम्बाकू को विकास उर्फ चाचा निवासी जगतपुर दिल्ली से खरीदकर ऐसे राज्यों में ले जाकर बेचे है। जहां पर तम्बाकू की बिक्री प्रतिबंधित है। इस प्रकार से तम्बाकू को लगभग 03 गुना कीमत में बेचा जाता है। डीसीपी ने बताया कि साउथ में हंस छाप तंबाकू बड़ा ब्रांड है। इसलिए ये लोग इस ब्रांड की नकली रैपिंग का प्रयोग करते थे। डीसीपी ने बताया कि ये लोग दिल्ली के वजीराबाद के इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री में नकली तंबाकू बनाते थे। उन्होंने बताया कि असली तंबाकू में कई प्रकार के केमिकल डाले जाते है लेकिन ये चूने से तंबाकू बनाकर उसे ब्रांडेड कंपनी के नकली रैपिंग में भरकर तस्करी करते थे। एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि केरल में कंपनी हंस छाप ब्रांड ने कापी राइट करवा रखा है। इसलिए तस्करों पर कॉपी राइट एक्ट के तहत भी कार्यवाही की जा रही है। खास बात ये है कि ट्रक के साथ एक कार भी चलती थी। ये कार नेविगेशन का काम करती थी। रास्ते में कोई बाधा या चेकिंग की जानकारी ट्रक ड्राइवर को बताती थी। ताकि ये सावधानी से वहां से ट्रक को पास कर सके।