नोएडा। नोएडा पुलिस ने वाहन चोरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है । जिसमे नोएडा पुलिस ने ऑपरेशन चलाकर अंतरराज्यीय व कुख्यात वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है । यह कार्यवाही नोएडा की सीआरटी व थाना सेक्टर 24 पुलिस ने मिलकर की है जिस दौरान 5 शातिर वाहन चोरों को गिरफ्तार किया गया है । वही आरोपियों के कब्जे से 17 चोरी की कार और चोरी करने का सामान भी बरामद हुआ है।
आपको बतादें गिरफ्तार आरोपी की पहचान अब्बास उर्फ इकराम, कप्तान उर्फ भूरा उर्फ भूट्टन, आरिफ उर्फ डोरेमोन, आसिफ उर्फ पाटु और अब्दुल रजाक के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि यह लोग मास्टर चाबी और हाई फ्रीक्वेंसी डिवाइस की मदद से गाड़ियों के लॉक तोड़कर वह डुप्लीकेट चाबी बनाने के उपकरण की मद्दत से गाड़ियों को चोरी किया करते थे। आरोपी गाड़ियों की नंबर प्लेट चेंज कर चोरी की गाड़ियों को ऊंचे दामों में दूसरे राज्यों में बेचा करते थे। पुलिस पूछताछ के दौरान पता चला कि इन लोगों के ज्यादातर वाहनों के खरीददार पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, चेन्नई व नॉर्थ ईस्ट आदि प्रदेशों में होते थे।
पुलिस ने बताया कि यह लोग राज्यों के बोर्डरों पर पुलिस से बचने के लिए गाड़ी के खराब होने का बहाना व अपने आप को गाड़ी का मैकेनिक बात कर या नकली दस्तावेज दिखाकर चोरी के गाड़ियों को अलग-अलग राज्यों में ले जाया करते थे। वही गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से गाड़ियों को चोरी करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ,मास्टर चाबी, डुप्लीकेट चाबी बनाने की मशीन और साथ ही कई तरह के औजार भी बरामद किए गए हैं
पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर पता चला कि गिरफ्तार किये हुये आरोपी एक शातिर गिरोह का हिस्सा है यह गिरोह दिल्ली , उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश अन्य राज्यों में सक्रिय है इसके सदस्य अन्तर्राज्यीय स्तर के शातिर चोर है जो विभिन्न प्रांतो से चार पहिया वाहनों की चोरी करते है और चोरी करने के पश्चात देश के विभिन्न कोनो में जगह-जगह मनमाफिक रेट पर बेच देते है। अभियुक्तगण के कब्जे से विभिन्न प्रकार के उपकरण बरामद हुये है जिसके संबंध में पूछताछ पर अभियुक्तगण द्वारा बताया गया कि इन उपकरण का प्रयोग हम चार पहिया वाहनों को चुराने के लिए करते है । इन उपकरण से हम चार पहिया वाहनों के लॉक को तोडने में तथा वाहनों की डुपलीकेट चाबी बनाने में प्रयोग करते है।
*अपराध करने का तरीका*
आरोपी दिल्ली, नोएडा , गाजियाबाद व अन्य स्थानों से चार पहिया वाहनो की चोरी करते है तथा इनके पास key programming pad होता है जिसे ये ऑनलाईन मंगवाते है जिसका प्रयोग कर गाडी की ECM(Electronic content management) मशीन को Reprogramme कर लेते है जिससे नया की-मोड जनरेट करने के बाद गाडी की डुपलीकेट चाबी बना लेते है जिससे पूरी गाडी इनके कंट्रोल में हो जाती है इन सब कार्यवाही में 5-10 मिनट का समय लगता है। इनके द्वारा चाबी अपने पास गाडियो के लॉक तोडने तथा डुपलीकेट चाबी बनाने के उपकरण भी साथ रखते है जिससे अभियुक्तगण आसानी से वाहन चोरी कर सके । अभियुक्तगण वाहन चोरी करने के पश्चात चोरी किये गये वाहनो की नंबर प्लेट आदि हटा देते है तथा गाडी को 2-3 दिनो के लिए किसी सुरक्षित स्थान पार्किंग अथवा सुनसान स्थान पर खडा कर देते है अभियुक्तगण गाडियों के उपकरणों की अच्छी जानकारी रखते है तथा मैकेनिक है। चोरी की गयी गाडियों के फर्जी प्रपत्र व नंबर प्लेट आदि तैयार होने के उपरान्त गाडी को लेकर बेचने के लिए जाते है चूंकि गाडी में फर्जी नंबर प्लेट के प्रपत्र होते है तथा गाडी को ठीक करने के उपकरण भी अपने साथ रखते है कही पुलिस चैकिंग या पूछताछ होने पर अपने आपको मैकेनिक बताकर या गाडी के प्रपत्र दिखाकर गाडी को बॉर्डर अथवा पुलिस चैकिंग से पास करा लेते है। इसके अतिरिक्त जब चोरी का वाहन लेकर निकलते है तो आगे-आगे इनके सदस्य चलते रहते है जो पुलिस चैंकिग आदि के संबंध में इनको व्हाटस्प से सूचना दे देते है तथा अचानक पुलिस आने पर गाडी खराब होने के बहाना बनाकर गाडी के नीचे लेटकर गाडी को ठीक करने की एक्टिंग करने लग जाते है । । ये लोग कुछ दिन चोरी किये गये वाहन को अपने पास रखकर मौका पाकर वाहनों को अलग-अलग प्रदेशो में बेच देते है चोरी किये गये वाहनों के खरीददार पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, चेन्नई व नार्थ-ईस्ट आदि प्रदेशो के होते है।
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