ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में बिल्डर परियोजनाओं का फ्लैट खरीदने का सपना देख रहे लोगों का सपना अधर में लटक गया है। प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग श्रेणी में नौ प्लॉटों का आवंटन तो कर दिया, लेकिन अभी तक उन बिल्डरों को प्राधिकरण की तरफ से आवंटन लेटर नहीं मिला है। इस संबंध में बिल्डरों ने प्राधिकरण के सीईओ से छह नवंबर को मुलाकात की थी, लेकिन कोई समाधान अभी तक नहीं निल पाया है। प्लॉटों की बोली से प्राधिकरण को 1033.65 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह राशि आरक्षित मूल्य 970.16 करोड़ के सापेक्ष 63.49 करोड़ अधिक है।
19 भूखंडों के सापेक्ष नौ के लिए लगी थी बोली
ग्रुप हाउसिंग के इन प्लॉटों पर दस हजार से अधिक फ्लैट का निर्माण हो सकेगा। यमुना प्राधिकरण ने एक अगस्त को ग्रुप हाउसिंग श्रेणी में 19 प्लॉटों की योजना निकाली थी। इसमें आवेदन के लिए 30 अगस्त तक का समय दिया गया था। 17 अक्टूबर को इन प्लॉटों का बोली के आधार पर आवंटन किया गया। 19 प्लॉटों के सापेक्ष नौ प्लॉटों का आवंटन हुआ था।
बार-बार बढ़ रही तिथि
बिल्डरों को प्राधिकरण द्वारा जल्द ही अलॉटमेंट लेटर मिलने की बात कही गई, लेकिन वह अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। काफी समय तक अलॉटमेंट लेटर जारी न होने की वजह से लोगों के सपनों का आशियाना अधर में अटक गया है। बिल्डरों द्वारा स्कीम के प्लाटों के लिए वित्तीय व्यवस्था भी की जा चुकी है तथा अग्रिम भवन निर्माण हेतु सभी संसाधन एवं मजदूर एकत्र करना शुरू कर दिया है।
श्रमिकों को मिलेगा रोजगार
ग्रुप हाउसिंग योजना से मजदूरों को रोजगार मिलेगा एवं शहर व प्रदेश के विकास की रफ्तार को भी पंख लगेंगे। अब यह तो समय ही बताएगा कि आवंटन प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्राधिकरण कब तक आवंटन लेटर जारी करेगा।
विक्रय प्रधानमंत्री आवास योजना की तय दरों पर करना होगा
इस ग्रुप हाउसिंग का विक्रय प्रधानमंत्री आवास योजना की तय दरों पर करना होगा। भवन निर्माण की लागत से कम दर पर उनका विक्रय करने पर भरपाई के रूप में उन्हें अतिरिक्त कामर्शियल उपयोग की अनुमति दी जाएगी। इससे बिल्डरों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा और आम आदमी के लिए प्राधिकरण क्षेत्र में अपने घर का सपना पूरा हो सकेगा।