ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के चंद्रावल गांव में तेंदुआ निकालने की खबर गांव में आग की तरह फैल गई। लोगों ने उसकी तस्वीर और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो तेजी से वायरल होने लगी, इसके बाद पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे, और जांच की तो पता चला कि यह तेंदुआ नहीं फिशिंग कैट है जो मुख्य रूप से नदी और नहरो के किनारे पाई जाती है और इससे कोई खतरा नहीं है।
नहर के किनारे घूम रहे इस जानवर को लेकर लोगों इसे तेंदुए समझ बैठे और देखते देखते यह खबर तेजी से फैली और लोगों में दहशत व्याप्त हो गया. पुलिस को भी पीआरवी के माध्यम से सूचना मिली कि गांव चंद्रावल में तेंदुआ निकल आया है. पुलिस अधिकारी और फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो जांच में पता चला यह तेंदुआ नहीं फिशिंग कैट है और इससे कोई खतरा नहीं है। गौतम बुद्ध नगर के डिविजनल फॉरेस्ट अफसर प्रमोद श्रीवास्तव ने बताया कि फिशिंग कैट ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर और जेवर में पहले भी दिखाई दे चुकी है. उन्होंने बताया कि यह खतरनाक नहीं होती है, इसका स्वभाव होता है कि यदि इन्हें छेड़ ना जाए तो यह हमलावर नहीं होती है.
डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर ने बताया कि जंगली मांसाहारी जानवर दो प्रकार के होते हैं। एक डॉग और एक कैट फैमिली के होते हैं। डॉग फैमिली में भेडिय़ा और जंगली कुत्ते आदि आते हैं। जबकि कैट फैमिली में लैपार्ड, टाइगर, घरेलू बिल्ली, फिशिंग कैट और वाइल्ट कैट शामिल हैं। उन्होंने बताया कि फिशिंग कैट मांसाहारी होती है। ये मुख्य रूप से नदियों के किनारे पाई जाती हैं। यह शेड्यूल वन के तहत आती हैं। ये मूलत: हिंसक जानवर नहीं होती हैं। उन्होंने बताया कि इन जानवरों से बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि उन्हें छेड़ें नहीं और आई कान्टेक्ट न करें।