सिकंदराबाद। भाजपा नेत्री बिना भाटी ने समाज में एक नई मिसाल पेश की है। उन्होंने वाल्मीकि समाज की एक बेटी को अपना मानते हुए दहेज का पूरा सामान दान किया। वाल्मीकि समाज की उस बेटी का दहेज का सारा सामान शॉर्ट सर्किट के चलते जलकर राख हो गया था, लेकिन बिना भाटी ने लाखों रुपए का दहेज का सामान उस बेटी के परिवार को उपहार में दिया। जिसके बाद से वह परिवार बिना भाटी का बार-बार धन्यवाद कर रहा है।
कमालपुर गांव की वाल्मीकि समाज की रामवती देवी जो की विधवा है, उसकी बेटी की शादी होने वाली थी और दहेज का सामान उसके घर में रखा हुआ था। शॉर्ट सर्किट हुआ और घर का सारा सामान जलकर राख हो गया ,एक ऐसा परिवार जो जैसे तैसे अपना गुजारा करता था जगह-जगह से पैसे इकट्ठे कर उसने दहेज का सामान खरीदा था ।अचानक से दहेज का सारा सामान जलने के बाद उसे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उसके बाद ग्राम वासियों के अलावा अन्य लोगों ने भी मदद की लेकिन भाजपा नेत्री बिना भाटी ने ठाना की वह किसी भी समाज की बेटी हो लेकिन वह अब हमारी बेटी है और उसकी मैं हर सम्भव मदद करूंगी।
बीना भाटी और उनके पति मेघराज सिंह ने दहेज का पूरा सामान खरीदा और एक कैंटर में भरकर उस बेटी के घर पहुच गए और उस सामन को दान कर दिया कर दिया। इस दौरान वह बेबस माँ और उसका परिवार बिना भाटी के सामने रोने लगी और कहा कि आज के जमाने में कोई किसी की इस तरह मदद नहीं करता लेकिन बिना भाटी ने इस समाज में वह मिसाल पेश की है, जिससे सभी लोगों को सीख लेने की जरूरत है। यह उन लोगों के मुंह पर भी तमाचा है जो दलित समाज के नाम पर वोट की राजनीति करते हैं, ऐसे समय में जब उस परिवार को सबसे ज्यादा जरूरत थी तो कोई भी समाज का ठेकेदार सामने निकल कर नहीं आया और ना ही उस पीड़ित परिवार की मदद की। बिना भाटी ने जातिवाद से ऊपर उठकर समाज के लिए एक अनोखी मिशाल पेश की, जिसकी प्रशंसा पूरे गांव और पूरे क्षेत्र में की जा रही है।
इस दौरान बिना पति ने कहा कि जब से मुझे यह पता लगा कि एक बेटी के दहेज का सामान चलकर राख हो गया है तभी से मैं काफी दुख में थी और दहेज का सामान्य इकट्ठा करने में एक परिवार को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसीलिए मैंने सोचा कि हमें उसे पीड़ित परिवार के लिए कुछ करना चाहिए और मेरी तरफ से जो छोटी सी मदद हो पाई मैंने गोपी ऐसे समय में अन्य लोगों को भी आगे आना चाहिए और समाज के ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए।
वही रामवती देवी ने कहा कि मैंने अपनी बेटी की शादी के लिए यह सामान जैसे तैसे गांव वालों में अन्य लोगों से पैसे मांग मांग करके इकट्ठा किया था लेकिन वह पूरा सामान जल गया। मेरे पास दोबारा सामान खरीदने का कोई पैसे नहीं थे लेकिन जो बिना भाटी ने जो किया है वह मैं अपने जीवन में नहीं भूल सकती हूं।
वही कमालपुर गांव के ग्राम वासियों ने भी बिना भाटी और उनके पति मेघराज सिंह का धन्यवाद किया और कहा कि उन्होंने जो कार्य किया है उसकी जितनी तारीफ की जाए वह काफी कम है और हम लोग पूरे गांव की तरफ से उनका आभार जताते हैं।