ग्रेटर नोएडा। ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित शारदा स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज में मौखिक ऑन्कोलॉजी और फोरेंसिक ओडोंटोलॉजी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का परिवर्तनकारी प्रभाव और खोज करने के विषय पर पांच दिवसीय इंटरनेशनल ऑनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया। कार्यक्रम में लगभग 12 देशों के 200 छात्रों ने हिस्सा लिया।
मौखिक एवं मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजी विभाग की डॉ पारुल खरे ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक ऑन्कोलॉजी प्रथाओं और उभरती एआई प्रौद्योगिकियों के बीच अंतर को पाटना, चिकित्सकों, शोधकर्ताओं, प्रौद्योगिकीविदों और उद्योग विशेषज्ञों के बीच अंतःविषय संवाद को बढ़ावा देना है। एआई की शक्ति का उपयोग करके, हम मौखिक और मैक्सिलोफैशियल कैंसर के निदान, उपचार योजना और प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव लाना चाहते है। जिससे रोगी की देखभाल और जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
शारदा स्कूल ऑफ डेंटल साइंसेज के डीन एम सिद्धार्थ ने कहा कि फोरेंसिक ओडोंटोलॉजी प्रथाओं में क्रांति लाने में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता का प्रदर्शन करना है। उन्नत कम्प्यूटेशनल तकनीकों और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके, हमारा लक्ष्य फोरेंसिक जांच की क्षमता, सटीकता और दायरे को बढ़ाना है, जो न्याय और सार्वजनिक सुरक्षा की उन्नति में योगदान देता है।
इस दौरान वाइस चांसलर डॉ सिबाराम खारा, डीन रिसर्च डॉ भुवनेश कुमार,डॉ निरुपमा गुप्ता, डॉ पूजा रस्तोगी,डॉ अशोक कुमार, डॉ विशाल गुप्ता समेत विभिन्न विभागों के एचओडी और डीन मौजूद र