ग्रेटर नोएडा। ग्रेनो के नॉलेज पार्क स्थित शारदा केयर हेल्थ सिटी व शारदा अस्पताल में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया गया। इस दौरान नर्सिंग स्टाफ को शपथ दिलाई गई और बेहतरीन काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ को सम्मानित किया और केक काटा गया। प्रत्येक वर्ष एक विशेष थीम का चयन कर अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाता है। हमारी नर्स हमारा भविष्य नर्सों की देखभाल से अर्थव्यवस्था मजबूत होती है यह इस वर्ष कि थीम है। नर्स, रोगियों की सेवा और देखभाल के लिए जिम्मेदार होती हैं। इनका मुख्य काम रोगी की स्थिति की मॉनिटरिंग करना, उपचार और दवाओं की देखभाल करना साथ ही उन्हें चिकित्सा सलाह देना होता है। डॉक्टर के साथ दिनरात मिलकर नर्स लोगों की सेवा करती हैं। जितनी भूमिका डॉक्टर की होती है उतनी ही भूमिका रोगियों की जिंदगी में नर्स की भी होती है।
शारदा विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर वाईके गुप्ता ने कहा कि हमारी सेहत को सुनिश्चित करने में जितना योगदान डॉक्टर का होता है उतना ही नर्सेस का भी है। नर्सिंग प्रोफेशन को सम्मान देने के लिए और नर्स के काम की सराहना करते हुए हर साल अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। नर्स मरीजों की देखरेख ही नहीं करतीं बल्कि डॉक्टर और मरीजों के बीच की एक मजबूत कड़ी का भी काम करती हैं। अस्पतालों में डॉक्टर मरीजों की दवाइयों और खानपान का ध्यान रखने के लिए नर्स को कहते हैं और वे इस काम को पूरे प्रोफेशनलिज्म के साथ करती हैं, साथ ही मरीजों की भावनाओं का भी ध्यान रखती हैं। नर्सों के इसी योगदान की सराहना करना इस दिन का मकसद है। यह भी कोशिश की जाती है कि नई पीढ़ी को भी इस प्रोफेशन के बारे में बताया जा सके और इससे जागरूक किया जा सके।
शारदा अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ राममूर्ति शर्मा ने बताया कि इस वर्ष की थीम नर्सों के स्वास्थ्य और कल्याण पर केंद्रित है। समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का समर्थन करने में एक स्वस्थ नर्सिंग कार्यबल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने बताया कि फ्लोरेंस नाइटिंगेल को आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपने कार्य के द्वारा पूरी नर्सिंग की दुनिया को प्रभावित किया है। इस कारण फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म की सालगिरह पर दुनिया भर हर साल ये दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि एक नर्स मरीज की देखभाल के साथ उनके दैनिक जीवन की समीक्षा करते हुए उसे सही रहन-सहन एवं पोषण के बारे में भी बताती हैं, ताकि मरीज जागरूकता के साथ बीमारी के जटिलताओं के साथ प्रबंधन के बारे भी भली-भांती जान सके।