भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी और तेज गेंदबाज मो. शमी शनिवार को अचानक यहां स्थित सेंट मैरी कान्वेंट पहुंचे। मो. शमी के साथ छात्राओं ने फोटो खिंचवाकर ऑटोग्राफ लिया। करीब दो घंटे तक वह विद्यालय में रहे और इस दौरान उन्होंने स्टाफ के साथ बात की। वह अपनी भतीजी और चचेरी बहन को लेने के लिए आए थे।
मो. शमी की भतीजी युम्ना फातिमा यहां आठवीं कक्षा की छात्रा हैं, जबकि उनकी चचेरी बहन अमीरा भी कक्षा छह में पढ़ती हैं। युम्ना ने इस बार चाचा से उन्हें लेने के लिए आने को कहा था। शीतावकाश पर भतीजी को सरप्राइज देने के लिए मो. शमी अचानक उन्हें लेने विद्यालय पहुंचे।
शमी सामान्य अभिभावक की तरह विद्यालय में गए। पहले उन्हें किसी ने नहीं पहचाना लेकिन अपने निजी बाउंसर के साथ पहुंचे शमी को पहचानने के बाद छात्राओं समेत विद्यालय के शिक्षक व कर्मचारी काफी खुश हुए।
मो. शमी ने विद्यालय का भ्रमण किया। साथ ही प्रधानाचार्य सिस्टर मंजुषा व अन्य के साथ विद्यालय में ग्रीन टी व स्नैक्स लिया। वह दोबारा आने का वादा कर नैनीताल से लौट गए। इस मौके पर सिस्टर एलसी, सिस्टर शीबा, सिस्टर कैन्यूला, सिस्टर एनीमा, रवि आदि मौजूद रहे।
जीत और हार सिक्के के दो पहलू: मो. शमी
वर्ल्ड कप 2023 में 50 विकेट का आंकड़ा पार कर वर्ल्ड कप इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज बने मो. शमी ने कहा कि पूरे विश्वकप में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहतर रहा। उन्होंने भी जी जान लगाकर अपनी प्रतिभा को साबित करने की कोशिश की। कहा कि जीत और हार सिक्के के दो पहलू हैं। उनके लिए देश सबसे ऊपर है। उन्हें फक्र है कि वह भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं। वह भविष्य में कठिन परिश्रम कर और बेहतर करने की कोशिश करेंगे। उत्तर प्रदेश के अमरोहा के सहसपुर गांव में जन्मे शमी के बचपन से ही तेज गेंदबाज बनना चाहते थे।