नोएडा। थाना सेक्टर 20,नोएडा द्वारा, फर्जी जीएसटी फर्म तैयार कर हजारो करोड के राजस्व की क्षति पहुचाने वाले गिरोह के चार शातिर अपराधी गिरफ्तार, कब्जे से सूची फर्जी फर्म कुल 250, फर्जी स्टाम्प 41, फर्जी सिम कार्ड 54, फर्जी आधार कार्ड 18, फर्जी पैन कार्ड 16, बैंक पास बुक 02, बैंक चेक बुक 20, लै पटॉप 03, पासपोर्ट 01, कार्ड स्वाईंप मशीन 01, पैनड्राईव 18, डीएल 01, इन्टरनेट राउटर 01 बरामद।
गुरुवार को साईबर/आईटी सेल एवं थाना सेक्टर 20 पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा तकनीकी सहायता एवं गोपनीय सूचना के आधार पर कार्यवाही करते हुये फर्जी जीएसटी फर्म तैयार कर सरकारी राजस्व की क्षति करने वाले गिरोह के चार अपराधी (1) राहुल निगम पुत्र ध्रव कुमार निगम (2) पियूष कुमार गुप्ता पुत्र नलिन कुमार गुप्ता (3) दिलिप शर्मा पुत्र लाल शर्मा (4) राकेश कुमार पुत्र भावन दास को त्रिनगर दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है, कब्जे से सूची फर्जी फर्म कुल 250, फर्जी स्टाम्प 41, फर्जी सिम कार्ड 54, फर्जी आधार कार्ड 18, फर्जी पैन कार्ड 16, बैंक पास बुक 02, बैंक चेक बुक 20, लैपटॉप 03, पासपोर्ट 01, कार्ड स्वाईंप मशीन 01, पैनड्राईव 18, डीएल 01, इन्टरनेट राउटर 01 बरामद हुई है।
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण
(1) राहुल निगम पुत्र ध्रव कुमार निगम नि0 1/9678 स्ट्रीट सं0 1सी वेस्ट गोरख पार्क शहादरा दिल्ली उम्र 29 वर्ष
(2) पियूष कुमार गुप्ता पुत्र नलिन कुमार गुप्ता नि0 सी 10ए बन्द गली मानसरोवर पार्क शहादरा दिल्ली उम्र 36 वर्ष
(3) दिलिप शर्मा पुत्र लाल शर्मा नि0 बी-12 द्वितीय तल चाईना चपप्ल मार्केट इन्द्रलोक उम्र 29 वर्ष
(4) राकेश कुमार पुत्र भावन दास नि0 ए-21 पुन्ड्रीक विहार पीतमपुरा दिल्ली उम्र 47 वर्ष
पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार अभियुक्तों का यह एक संगठित गिरोह है ,पूर्व में गिरफ्तार व फरार अभइयुक्तों द्वारा अपने जीएसटी चोरी से सम्बन्धित डेटा निशान्त अग्रवाल को उपलब्ध कराकर इसके माध्यम से ही इसके साथियों के साथ मिलकर इस प्रकार के अपराधों में संलिप्त है जिनके द्वारा फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित तैयार कराकर फर्जी बिल का उपयोग कर जीएसटी रिफन्ड कर (ITC input टैक्स क्रेडिट) प्राप्त कर सरकार को हजारों करोड के राजस्व का नुकसान पहुंचाने का अपराध कारित किया जा रहा है। इस गैंग के द्वारा पूर्व में गिरफ्तार जीएसटी धोखाधडी करने वाले गैंग डेटा का भी इस्तेमाल किया जा रहा था, साथ ही साथ इसके द्वारा कुछ नए फर्जी फर्मों का डेटा का इस्तेमाल किया जा रहा था। अभी तक की पूछताछ में लगभग 200 से अधिक नए फर्जी फर्मों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है।
आपको बता दे कि पकडे गए गिरोह का मुख्य लीडर निशान्त है जोकि दिल्ली पीतमपुरा का रहने वाला है यह राकेश व अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी जीएसटी फर्म अपने आर्थिक लाभ के लिए तैयार कर उनकी फर्जी ओनरशीप अन्य लोगों के नाम रजिस्टर्ड करते है। यह लोग जिन स्थानों पर फर्जी फर्म रजिस्टरड कराते है। यह लोग गिरफ्तारी से बचने के लिए उससे अलग लोकेशन पर एक रेजिडेन्शियल एरिया में घऱ के अन्दर कम्पनी चलाते है। इस गिरोह के लीडर निशान्त पकडे जाने के डर से बॉम्बे शिफ्ट हो गया है तथा वहीं से वह इन अभियुक्तो को फर्जी फर्म आदि डेटा उपलब्ध कराता है तथा साथ ही साथ फर्म से जुडे सभी अकाउन्ट का एक्सीस अपने पास रखकर कार्य करता है। निशान्त द्वारा पकडे गए अभियुक्तों को इस कार्य के लिए हायर किया जाता है जिसमें से पकडे गए अभियुक्त राहुल का कार्य फर्जी फेक बिल बनाना था तथा पकडे गए अभियुक्त पियूष गुप्ता द्वारा बैंकिंग का समस्त कार्य देखा जाता है पियूष द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय से MBA की शिक्षा प्राप्त की गई है तथा दिलिप द्वारा पैसों का लेनदेन व पैसों को आवश्यकतानुसार निशान्त द्वारा बताए गए स्थानों पर पहुंचाने का कार्य किया जाता है। पकडे गए अभियुक्तों के द्वारा फर्जी कम्पनियों का IEC import export code तैयार कर मुख्यतः अन्तर्राष्ट्रीय स्थान जैसे थाईलैंड, सिंगापुर, ताईबान, फिलिपिन्स, वियतनाम आदि मैं स्थित कम्पनियों फर्जी तरीके से आयात निर्यात अपने फर्जी कम्पनियों से दिखाकर आर्थिक लाभ प्राप्त करते है।
पुलिस ने यह भी बताया कि अभी तक की प्राथमिक जांच में यह प्रकाश में आया है कि निशान्त अग्रवाल द्वारा अपनी फर्जी कम्पनियों को सूचारू रूप से चलाने के लिए विदेशों में यात्राएं करता रहता है। अभी तक की जानकारी से यह भी पता चला है कि यह गिरोह प्रतिदिन करीब 70 से 80 लाख रूपय के फर्जी बिल तैयार करते है। और अभी तक की जांच में लगभग 8 विभिन्न खातों में लगभग 3 करोड से अधिक की धनराशी को फ्रीज किया गया है।
यह गिरोह फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित बनाकर अनुचित लाभ प्राप्त करने का अपराध दो टीम बनाकर किया जाता है। प्रथम टीम फर्जी दस्तावेज फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, रेन्ट एग्रीमेन्ट, इलेक्ट्रीसिटी बिल आदि का उपयोग कर फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित तैयार करते हैं तथा दूसरी टीम फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित को प्रथम टीम से खरीद कर फर्जी बिल का उपयोग कर जीएसटी रिफन्ड ( ITC input टैक्स क्रेडिट) प्राप्त कर सरकार को हजारों करोड का चूना लगाते हैं।
गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों द्वारा अपने अन्य साथियों की गैर मौजूदगी में फर्जी जीएसटी फर्म बनाने व बिलिंग का कार्य किया जाता है।