ग्रेटर नोएडा। भारत सरकार के अधीन काम कर रहे शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (एमआईसी) ने 4 और 5 अप्रैल को गलगोटिया विश्वविद्यालय में दो दिवसीय इनोवेशन डिजाइन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (आईडीई) बूटकैंप का यह आयोजन विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में पीएम श्री स्कूलों के प्रधानाचार्यों और वरिष्ठ शिक्षकों सहित 250 से अधिक प्रतिभागियों की प्रभावशाली भीड़ को आकर्षित करते हुए, यह कार्यक्रम स्कूल स्तर पर उद्यमशीलता शिक्षा की उन्नति में एक महत्वपूर्ण क्षण साबित हुआ है।:
गलगोटिया विश्वविद्यालय में शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल द्वारा आयोजित दो दिवसीय आईडीई बूटकैंप का हुआ समापन। पीएम श्री स्कूलों के 250 से अधिक प्रधानाचार्य और वरिष्ठ शिक्षक कार्यक्रम में शामिल हुए। समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में (सीईएसटी) विभाग की हैड और एडवाइज़र एवम् साईंटिस्ट डा० अनीता गुप्ता पहुँची।मु ख्य अतिथि डा० अनिता गुप्ता ने अपने भाषण की शुरुआत इनोवेशन के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि आप सभी प्रिंसिपल और अध्यापक गण यहाँ आये हुए हैं। आप सभी ने मिलकर आने वाले समय में आज की इस नयी पीढ़ी को एक बेहतर सोच के साथ में एक नयी दिशा प्रदान करनी है। जिससे कि आज के वे सभी बच्चे राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। उन्होंने पर्यावरण पर अपनी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि आज दिन प्रति दिन मौसम का मिज़ाज बिगडता ही चला जा रहा है। ग्लोबल वॉर्मिंग बढती ही जा रही है। जिसकी वजह से ग्लेशियर पिघलते चलें जायेंगे और भविष्य में समस्त मानव जाति के लिये और सम्पूर्ण प्रकृति के अस्तित्व के लिये एक बहुत बडा संकट खडा जो जायेगा। उसके बचाव के लिये हमें आज से ही छोटे-छोटे कदम उठाने होंगे। जैसे कि वृक्षारोपण, प्लास्टिक के प्रयोग पर पाबंदी, इलैक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग पर ज़्यादा ध्यान देना होगा। धरती को बचाने के लिये हमें ये अति महत्वपूर्ण और छोटे छोटे कदम अवश्य उठाने होंगे। अभी हाल ही में 194 देशों ने मिलकर इस पर अपना काम भी करना शुरु कर दिया है। हमें इस की समस्याओं के निदान के लिये पूरी इमानदारी और निष्ठा से कार्य करना होगा। तभी हम माननीय प्रधानमंत्री जी के 2047 तक “विकसित-भारत” सपने साकार कर सकेंगे। और भारत फिर से सोने की चिड़िया कहलायेगा। और एक बार फिर से विश्व गुरू बन सकेगा। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये मैं गलगोटियास विश्वविद्यालय का ह्रदय से आभार व्यक्त करती हूँ।
गलगोटियास विश्वविद्यालय के वॉइस चॉसलर डा० के० मल्लिकार्जुन बाबू ने कहा कि इस आईडीई बूटकैंप का उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र के भीतर नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति विकसित करना है, प्रतिभागियों को छात्रों के बीच रचनात्मकता, समस्या-समाधान और लचीलापन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना है।
बूटकैंप में कार्यशालाओं, सेमिनारों और इंटरैक्टिव सत्रों की एक विविध सरणी शामिल थी, जिसका नेतृत्व मुख्य रूप से उद्योग के विशेषज्ञों द्वारा कुछ सत्रों के साथ वाधवानी फाउंडेशन के मास्टर ट्रेनर के साथ किया गया था। प्रतिभागियों ने डिजाइन थिंकिंग और प्रोटोटाइप से लेकर बिजनेस मॉडल डेवलपमेंट और वेंचर क्रिएशन तक के विषयों पर चर्चा में खुद को डुबो दिया।
गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ डा० ध्रुव गलगोटियास ने कहा कि पूरे आयोजन के दौरान, उपस्थित लोगों को उद्यमशीलता की मानसिकता को पोषित करने और छात्रों के बीच सहयोगी समस्या सुलझाने के कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हाथों की गतिविधियों में संलग्न होकर अभिनव दृष्टिकोणों का पता लगाने का अवसर मिला।
आईडीई बूटकैंप जैसी पहलों के साथ, शिक्षा मंत्रालय का इनोवेशन सेल भारत में अधिक गतिशील और आगे की सोच वाली शिक्षा प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करना जारी रखता है। कक्षा में नवाचार और उद्यमिता विकसित करने के लिए आवश्यक उपकरणों और संसाधनों के साथ शिक्षकों को सशक्त बनाकर, एमआईसी देश भर के छात्रों के लिए एक उज्जवल भविष्य की नींव रख रहा है। देश युवाओं को चाहिए कि वो इनोवेटिव सोच के साथ साथ अपनी पूरी ऊर्जा के साथ अपने टास्क पर काम करें। जिससे वो नये से नये कीर्तिमानों की स्थापना कर सकें।
कार्यक्रम की नोडल अधिकारी मीनाक्षी शर्मा ने विस्तार से बताया कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रधानाचार्यों की कुल संख्या: 165
शिक्षकों की कुल संख्या: 83
स्कूलों की कुल संख्या: 165 (केन्द्रीय विद्यालय: 82; सरकारी इंटर कॉलेज: 83)
विशेषज्ञों/प्रशिक्षकों की कुल संख्या: 07
यूपी के जिलों की कुल संख्या: 43 रही। कार्यक्रम की सफलता के लिये उन्होंने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सहायक होगें।