ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बेसिक साइंस एवं रिसर्च ने अंतःविषय विज्ञान में समकालीन प्रगति विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ। स्कूल के डीन प्रोफेसर श्यामल कुमार बनर्जी ने सभी अतिथियों व स्पीकर्स का स्वागत किया व अपने संबोधन में स्कूल के विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे शोध कार्यों को रेखांकित किया । करीब 150 से अधिक छात्र छात्राओं ने पंजीकरण कराया । जिन्होंने तीन दिनों तक चली इस राष्ट्रीय गोष्ठी में फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित, लाइफ साइंस व एनवायर्नमेंटल साइंस विषयों पर विद्यार्थियों ने अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिबाराम खारा ने कहा कि यह समय बहुआयामी और बहुविषयक शोध कार्यों का है। भारत के वैज्ञानिकों में विज्ञान के नए द्वार खोलने की पूरी क्षमता है । उन्होंने बताया कि विश्विद्यालय ने अभी हाल ही में भारतीय संस्कृति वैश्विक केंद्र की स्थापना की है। जिसका उद्देश्य भारत की पुरातन ज्ञान परम्परा को समृद्ध करना है ।
सम्मेलन में मुख्य वक्ता नेशनल कॉउंसिल फॉर सीमेंट एंड बिल्डिंग मैटेरियल्स, बल्लभगढ़ के डायरेक्टर जनरल डॉ एलपी सिंह अपने उद्बोधन में जलवायु परिवर्तन व ग्रीनहाउस इफेक्ट्स पर अपने विचार रखे । उन्होंने सीमेंट इंडस्ट्री में निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस के उत्सर्जन को कम करने की तकनीक को साझा किया । दिल्ली विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के डॉ सौरभ रघुवंशी ने अपने लेक्चर में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बायोइन्फरमेटिक्स विषय पर गहनता से चर्चा की ।
इस अवसर पर डॉ सत्यवदा राव ,डॉ एन. बी. सिंह, डॉ आर.सी.कोहाड़, डॉ विनोद जोशी, डॉ खुर्शीद आलम, डॉ संतोष कुमार मिश्रा, डॉ अनुपम अग्रवाल, डॉ पन्नाला, डॉ मोहित साहनी, डॉ पी.के.सिंह, डॉ विनीता, डॉ शशांक शर्मा, डॉ रश्मि, डॉ विकास दत्त, व सरिता आदि उपस्थित रहे ।