यूपी से एक हैरान कर देने वाला सामने आया है. यहां एक शख्स STF का फर्जी इंस्पेक्टर बनकर लोगों पर धौंस जमाता था. गैरकानूनी काम अंजाम देता था. लेकिन एक दिन उरई में उसकी मुठभेड़ असली पुलिस से हो गई. एनकाउंटर में वो घायल हो गया. जिसके बाद उसे कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन पुलिस को चकमा देकर वो अस्पताल से फरार हो गया. हालांकि, 24 घंटे बाद पुलिस ने फिर से उसका एनकाउंटर कर दिया. फर्जी इंस्पेक्टर एक बार फिर असली पुलिस की गिरफ्त में है.
दरअसल, उरई पुलिस को सूचना मिली थी कि जितेंद्र परिहार उर्फ शैलेंद्र नाम का शख्स खुद को एसटीएफ का इंस्पेक्टर बताकर वारदातों को अंजाम दे रहा है. जांच में पता चला कि वो शातिर किस्म का अपराधी है. उसपर दर्ज भर से अधिक केस दर्ज हैं. ऐसे में पुलिस ने उसकी घेराबंदी की.
इस बीच 10 नवंबर को एसओजी सर्विलांस और उरई कोतवाली पुलिस से उसकी मुठभेड़ हो गई. फायरिंग में जितेंद्र के दाएं पैर में गोली लगी और वो और उसका एक साथी पकड़ा गया. घायल जितेंद्र को पुलिस ने जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे कानपुर के हैलट के लिए रेफर कर दिया गया.
पहले एनकाउंटर के बाद अस्पताल से भाग गया था
हैलट में उसका इलाज चल रहा था, लेकिन दो दिन पहले जितेंद्र वहां से फरार हो गया. इसके बाद एसपी ने उसकी निगरानी में तैनात दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया. साथ ही जितेंद्र की गिरफ्तारी के लिए टीमों को लगाया दिया. इस बीच गुरुवार (16 अक्टूबर) शाम एसओजी, सर्विलांस और कुठौंद थाना पुलिस को जानकारी मिली कि जितेंद्र बाइक से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के पास सर्विस रोड पर खड़ा है.
इस पर पुलिस ने घेराबंदी की लेकिन खुद को घिरता देख जितेंद्र ने तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस की जवाबी फायरिंग में उसके बाएं पैर में गोली लग गई. गोली लगते ही वो जमीन पर गिर पड़ा और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. इस तरह फर्जी इंस्पेक्टर बनकर घूम रहे शातिर जितेंद्र का दो बार एनकाउंटर हुआ.
बताया जा रहा है कि हैलट अस्पताल से फरार होने के बाद जितेंद्र कानपुर शहर में कई घंटे घूमता रहा. इस दौरान उसने अपना इलाज करवाने के लिए डॉक्टरों को धौंस भी दिखाया था. वह लंगड़ाते हुए ही शहर से बाहर निकल गया. हालांकि, पुलिस ने उसे पकड़ लिया.