अंतर्राष्ट्रीय

चीन-पाकिस्तान की नेवी ने अरब सागर में संयुक्त अभ्यास किया, कर्नल ने बताई ये खास वजह

बीजिंग: पाकिस्‍तान और चीन की सेनाओं के बीच शनिवार से अरब सागर में सबसे बड़ा नौसेना युद्धाभ्‍यास शुरू हुआ है। चीन की मानें तो यह दोनों देशों के बीच रणनीतिक समुद्री मार्गों के साथ-साथ क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की संयुक्त सुरक्षा में इजाफा करने वाला अभ्‍यास है। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो यह नौसेना अभ्‍यास भारत की सुरक्षा चुनौतियों को बढ़ाने वाला है। यह अभ्‍यास कराची में हो रहा है जो मुंबई के करीब है। चाइना सेंट्रल टेलीविज़न (सीसीटीवी) के मुताबिक अभ्‍यास को सी गार्डियन-3 संयुक्त समुद्री अभ्यास नाम दिया गया है। इसकी शुरुआत शनिवार सुबह कराची नौसेना डॉकयार्ड में एक उद्घाटन समारोह के साथ हुई।

कौन-कौन से हथियार

सीसीटीवी रिपोर्ट के अनुसार, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) नौसेना की भाग लेने वाली सेनाओं में टाइप 052 डी गाइडेड मिसाइल विध्वंसक जिबो, टाइप 054 ए गाइडेड मिसाइल विध्वंसक जिंगझू और लिनी शामिल हैं। जबकि पाकिस्तानी मीडिया मानें तो पाकिस्‍तान की नौसेना की तरफ से एक पारंपरिक हमला पनडुब्बी और एक पनडुब्बी समर्थन जहाज के साथ पीएलए नौसेना की मरीन कोर टुकड़ी शामिल है।

चीन की मानें तो इस अभ्‍यास का मकसद समुद्री सुरक्षा से जुड़े खतरों का संयुक्त रूप से जवाब देना है।

नौ दिनों तक चलेगा अभ्‍यास

यह अभ्‍यास नौ दिनों तक चलेगा जिसके तहत उत्तरी अरब सागर के जल और हवाई क्षेत्र में आपसी सहयोग को परखा जाएगा। इसके अभ्‍यास में वीबीएसएस (ट्रैवल,बोर्ड, सर्विलांस और जब्ती) हेलीकॉप्टर क्रॉस-डेक सहित ट्रेनिंग जैसे कई अहम चरणों का आयोजन होगा। साथ ही लैंडिंग, ज्‍वॉइन्‍ट रेस्‍क्‍यू एंड सर्च, संयुक्त पनडुब्बी रोधी और मुख्य बंदूक शूटिंग, साथ ही पेशेवर आदान-प्रदान को भी परखा जाएगा। सीसीटीवी की तरफ से बताया गया है कि यह सी गार्डियन अभ्यास का तीसरा और सबसे बड़ा संस्करण है। पहला संस्करण 2020 में उत्तरी अरब सागर के जल में आयोजित किया गया था, और दूसरा संस्करण 2022 में शंघाई के जल में आयोजित किया गया था।

चीन बोला रक्षा सहयोग में होगा इजाफा

चीनी नौसेना के कमांडर और चीनी नौसेना के अभ्‍यास की जिम्‍मेदारी निभा रहे रियर एडमिरल लियांग यांग ने कहा, ‘यह अभ्यास हर मौसम में रणनीतिक सहयोग साझेदारी को बढ़ाने, रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने और पेशेवर सहयोग को गहरा करने के लिए समर्पित है।’ लियांग के मुताबिक उम्मीद है कि दोनों नौसेनाएं समुद्री सुरक्षा खतरों से निपटने और समुद्री शांति की रक्षा के लिए अपनी ज्‍वॉइन्‍ट ऑपरेशन क्षमताओं को और बढ़ा सकती हैं।

हिंद महासागर पर भी नजरें!

पाकिस्तानी विशेषज्ञों की मानें तो सी गार्डियन अभ्यास आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के साथ ही पारंपरिक और दुश्‍मनों से निपटने के लिए पेशेवर अनुभवों को साझा करने के उद्देश्यों को पूरा करता है। चीन के सैन्य विशेषज्ञ वेई डोंगक्सू की मानें तो चीन और पाकिस्तान के हिंद महासागर जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक समुद्री मार्गों की संयुक्त रूप से सुरक्षा करने में साझा हित हैं। उनका कहना था कि यह वह क्षेत्र है जहां पर समुद्री डकैती, आतंकवाद और बाकी खतरनाक गतिविधियां खतरा पैदा करती हैं।

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