देहरादून (उत्तराखंड): भारत तिब्बत सीमा पुलिस के स्थापना दिवस के अवसर पर देहरादून स्थित आईटीबीपी मुख्यालय में 62वें स्थापना दिवस को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में खास बात यह रही कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद इसमें शिरकत की. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने परेड की सलामी लेते हुए परेड का निरीक्षण भी किया.
आईटीबीपी की रेजिंग डे परेड में शामिल हुए अमित शाह: आईटीबीपी ही नहीं बल्कि किसी भी फोर्स में अभी तक महिला घुड़सवार परेड में शामिल नहीं हुई थीं. लेकिन आईटीबीपी के स्थापना दिवस पर देहरादून में आयोजित परेड में पहली बार महिला घुड़सवारी दल देखने को मिला. आपको बता दे कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस, एक भारतीय अर्द्ध सैनिक बल है. इसकी स्थापना भारत चीन के बीच हुए युद्ध के बाद देश की उत्तरी सीमाओं की रक्षा करने के लिए 24 अक्टूबर 1962 को किया गया था. शुरुवाती दौर में सिर्फ चार बटालियन के साथ आईटीबीपी का गठन किया गया था. इसके बाद समय के साथ आईटीबीपी की कार्य सीमा को बढ़ाया गया.
पुलिस मेडल गैलेंट्री अवॉर्ड 2023
डिप्टी कमांडेंट अशोक कुमार
असिस्टेंट कमांडेंट प्रभात मुकून
इंस्पेक्टर सुरेश लाल
इंस्पेक्टर लीला सिंह
सब इंस्पेक्टर कुलदीप राज
हेड कांस्टेबल हमीश कुमार
कांस्टेबल शक्ति कुमार
कांस्टेबल ब्रह्मचंद्र
विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस सेवा मेडल 2023
डीआईजी रमाकांत शर्मा
डीआईजी गिरीश चंद्र उपाध्याय
डीआईजी संदीप खोसला
कमांडेंट धर्मपाल सिंह रावत
कमांडेंट राजेश सहानी
डिप्टी कमांडेंट महेंद्र सिंह
इंस्पेक्टर किशोर सिंह
इंस्पेक्टर विशन सिंह
गृहमंत्री अमित शाह ने ये कहा: कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज आईटीबीपी की 62वीं वार्षिक परेड की सभी को शुभकामनाएं. साथ ही भारत के प्रथम गांव और उत्तराखंड के लोगों का इस कार्यक्रम में स्वागत. अमित शाह ने देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश और ऊंचाई पर जाए ऐसी कामना है. दीपावली पर्व पर जब आम नागरिक अपने घर में सुख समृद्धि की कामना करने हुए एक दीप जलाता है तो एक दीप, शरहद पर तैनात जवानों के लिए भी जलाएं.
आईटीबीपी की तारीफ की: केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भारत की दुर्गम सीमाओं को आईटीबीपी ने सुरक्षित करने का काम किया है. तमाम बलिदानियों ने इस शौर्य परंपरा को आगे बढ़ाया है. 7 वाहिनियों के साथ शुरू हुआ आईटीबीपी आज 60 वाहनियों के साथ आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि ड्रोन के माध्यम से एक साथ 15 किलो दवाइयां और खाद्य सामग्री को सीमाओं तक पहुंचाया गया है. जल्द ही आईटीबीपी की 4 और बटालियन सीमा पर तैनात होंगी. सीमा सुरक्षा में कठिन से कठिन क्षेत्र आईटीबीपी के पास हैं. जहां ऑक्सीजन कम होती है, बर्फबारी होती है. -45 डिग्री तक तापमान चला जाता है. इसके बावजूद अभी तक आईटीबीपी ने तमाम पदक प्राप्त किये हैं.
2047 का लक्ष्य बताया: अमित शाह ने कहा कि चीन सीमा पर साल 2014 से पहले 4000 करोड़ रुपए सालाना खर्च होते थे. जबकि 2014 के बाद 12,340 करोड़ रुपए सीमा पर खर्च किए जा रहे हैं. साथ ही अमित शाह ने जवानों को आश्वासन देते हुए कहा कि आप देश की सीमाओं की चिंता करिए. आपके परिवार की चिंता भारत सरकार करेगी. भारत, विश्व में हर क्षेत्र में मजबूत हो, भारत हर जगह विश्व का नेतृत्व करे इसके लिए 2047 का लक्ष्य रखा है.
देश की सुरक्षा को समर्पित आईटीबीपी: आईटीबीपी के डीजी अनीश दयाल सिंह ने कहा कि आईटीबीपी की पहले 180 चौकियां थी. इन्हें बढ़ाकर अब 195 कर लिया गया है. सीमावर्ती चौकियों पर 500 नारी शक्ति की तैनात किया गया है. वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत भारत के प्रथम गांव में काम किया जा रहा है. अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास की सुरक्षा भी आईटीबीपी कर रही है. 99 कर्मियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं. टॉप परफॉर्मिंग ऑर्गनाइजेशन के लिए मई महीने में आईटीबीपी को सम्मानित किया गया. साथ डीजी ने बताया कि आईटीबीपी अपने मूल मंत्र के प्रति समर्पित रहेगा.
गुरुवार को देहरादून पहुंचे थे अमित शाह: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार देर शाम को देहरादून पहुंच गए थे. एयरपोर्ट पर सीएम धामी और उनकी कैबिनेट के सदस्यों ने अमित शाह का स्वागत किया था. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आईटीबीपी टाइगर मेस 23वीं वाहिनी सीमाद्वार के गेस्ट हाउस में रात्रि विश्राम किया.