मास्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन साल 2024 में होने वाले आम चुनाव में एक बार फिर से अपनी दावेदारी ठोकने जा रहे हैं। रूसी सांसदों ने 17 मार्च 2024 को चुनाव की डेट तय की है। पुतिन ने पूरे रूस में अपनी पकड़ को काफी मजबूत कर रखा हुआ है और यह वजह है कि इस चुनाव में उनका जीतना लगभग तय है। केजीबी के एजेंट रह चुके पुतिन अगर फिर से चुनाव जीतते हैं तो वह पांचवीं बार इस पद को संभालेंगे। पुतिन अभी 71 साल के हैं और रूसी संविधान में किए गए बदलाव के मुताबिक वह अभी साल 2036 तक सत्ता में बने रह सकते हैं। इस तरह से पुतिन अभी एक और बार चुनाव लड़ सकते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन के लिए साल 2024 बहुत खास होने जा रहा है और यूक्रेन से उन्हें गुड न्यूज भी मिल सकती है।
रूस में जब चुनाव होने वाले हैं तब वहां पुतिन के सारे विरोधी या तो जेल में हैं या विदेश में रहने को मजबूर हैं। पुतिन ऐसे समय पर फिर से राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं जब रूस यूक्रेन के युद्ध में फंसा हुआ है। वहीं विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन के लिए साल 2024 फिर से राष्ट्रपति बनने के अलावा कई और खुशियां ला सकता है। विश्लेषक मृत्युंजय राय का कहना है कि अमेरिका के हालात को देखकर आज पुतिन बहुत खुश हो रहे होंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को हथियार और पैसा देने पर रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी में सहमति नहीं बन पा रही है। अमेरिका ने अब तक यूक्रेन को 111 अरब डॉलर का फंड दिया है और आगे वह नहीं दे पाता है तो उसके लिए रूस से लड़ना मुश्किल हो जाएगा।
यूक्रेन युद्ध से किनारा कर सकते हैं ट्रंप
मृत्युंजय राय कहते हैं कि इजरायल और हमास के बीच गाजा में चल रही जंग के कारण भी दुनिया का ध्यान यूक्रेन से हट गया है जो पुतिन के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका में होने वाले चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप जीतते हैं तो यूक्रेन की मुसीबत और ज्यादा बढ़ जाएगी। अमेरिका में बाइडन की लोकप्रियता कम हो रही है। ट्रंप नहीं चाहते हैं कि रूस से लड़ने के लिए यूक्रेन को पैसा दिया जाए। अगर ऐसा होता है तो यूरोप के नाटो देशों के साथ अमेरिका की एकजुटता खत्म हो सकती है।
उन्होंने कहा कि इस मतभेद को देखते हुए रूस को लग रहा है कि वह यूक्रेन पर विजय हासिल कर सकता है। पुतिन ने विदेशी दौरे किए हैं और उत्तर कोरिया तथा ईरान से बड़े पैमाने पर हथियार और ड्रोन भी हासिल किया है। पुतिन बड़े पैमाने पर विकासशील देशों और गरीब देशों को अपने पाले में लाने में भी कामयाब रहे हैं। यूक्रेन की जंग का एक अहम पहलू यह है कि जो लंबे समय लड़ेगा वही जीत हासिल करेगा। विशेषज्ञ कहते हैं कि यह युद्ध लंबा चल सकता है और साल 2024 में पुतिन का रूस यूक्रेन पर भारी पड़ सकता है।