गाजियाबाद। शहर के लायंस क्लब हॉल में तीज उत्सव व तीज क्वीन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। हिंदी मीडिया की प्रसिद्ध एंकर रेशू त्यागी के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम में शहर की नामचीन महिला हस्तियों ने भाग लिया।
उत्सव में सावन सखा के साथ बहनों ने अल्हड़पन के झूले, झूले। कजरी के स्वर बरसे और श्रृंगार का उत्सव हुआ। बेटी, बहू के साथ दादी भी मंच पर उतरीं। इसके बाद चार अलग आयु वर्ग में मानवी, आद्रिका, वैशाली और संगीता को तीज क्वीन चुना गया। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष ममता त्यागी,
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कल्पना सक्सेना, पूर्व विधायक हेमलता चौधरी, सामाजिक कार्यकर्ता सुमन त्यागी, प्रो. रंजना शर्मा, आईपीईएम की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुगंधा गोयल, टाइनी ट्यूलिप्स स्कूल की प्रिंसिपल ममता बाथला, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ममता त्यागी, कॉस्मेटोलॉजिस्ट नियति धवन, ईएनटी विशेषज्ञ डॉ बीपी त्यागी, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद की डॉ. दीपाली मुकेश नांदवे, आकाशवाणी की रेडियो जॉकी ज़रीन नाज, प्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर दिव्या त्यागी, भातखंडे संगीत महाविद्यालय की प्रिंसिपल भावना कौशिक, साइंस डिवाइंस से निराली और मोटिवेशनल स्पीकर मधु शर्मा सहित विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिनिधि महिला हस्तियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में भातखंडे संगीत महाविद्यालय दिल्ली व गाजियाबाद के कलाकारों ने संगीत की विशेष प्रस्तुतियां दीं, वहीं मानव मंदिर गुरुकुल दिल्ली की छात्रा दिव्या ने भजन गाकर सबका मन मोह लिया।
कार्यक्रम की संयोजिका रेशू त्यागी ने बताया कि
सावन से स्त्रियों की खास भावना जुड़ी होती है। लेकिन, उस भावना को सेलिब्रेट करने के लिए उन्हें बेटी बनना पड़ता है। इसीलिए, सदियों से यह सिलसिला रहा कि सावन में बेटियां मायके बुलाई जाती थीं। बदले समाज, परिवेश व प्रोफेसनल प्रायरिटी ने उन्हें इस सबसे अलग कर दिया। अब समाज का वह ताना- बाना नहीं रहा, जहां रास्ते लौटकर मिल जाते थे। उन्होंने कहा कि इस तीज पर वही माहौल सजीव करने और बेटियों को वही मौका देने का प्रयास किया गया। तीज उत्सव के तहत कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां व संचेतना सत्र भी आयोजित किए गए।
उत्सव का विशेष आकर्षण तीज क्वीन प्रतियोगिता रही।
उन्होंने बताया कि तीज क्वीन प्रतियोगिता में 7 से 15, 15 से 30, 30 से 50 और 50 से अधिक आयु वर्ग की श्रेणियां बनाई गई थीं। प्रतियोगिता में जूरी के रूप में शहर की कई सम्मानित महिलाएं शामिल थीं। सबसे रोचक रहा, 50 वर्ष से अधिक आयु
की महिलाओं का रैंप पर उतरना। कार्यक्रम में शामिल लोगों ने इस अभिनव पहल की सराहना की।