ग्रेटर नोएडा । जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम में परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सवारीयों की ओवर लोडिंग करने वाले वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। इसी क्रम में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन डा उदित नारायण पाण्डेय ने बताया कि आज सवारियों की ओवर लोडिग करने वाली 05 बसों का चालान कर निरुद्ध किया गया है।
उन्होंने बताया कि सवारी वाहनों और बसों में ओवरलोडिंग के कई नुकसान हो सकते हैं, जो न केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं, बल्कि सड़क यातायात और पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव डालते हैं।
*ओवरलोडिंग के नुकसान:*
सुरक्षा पर खतरा: वाहन की क्षमता से अधिक सवारियों के कारण ब्रेक, टायर और सस्पेंशन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। आपातकालीन स्थिति में वाहन को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। सवारियों के लिए निकासी का स्थान कम होने से हादसे में जानमाल का नुकसान बढ़ सकता है।
*वाहन की क्षति:*
ओवरलोडिंग से वाहन के पुर्जों (जैसे इंजन, टायर, ब्रेक) पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिससे उनकी आयु कम हो जाती है और रखरखाव का खर्च बढ़ जाता है।
*ईंधन की बर्बादी:*
अधिक वजन के कारण वाहन को चलाने में ज्यादा ईंधन खर्च होता है, जो आर्थिक और पर्यावरणीय दोनों दृष्टि से नुकसानदायक है।
*यात्रियों के लिए असुविधा:*
भीड़भाड़ के कारण यात्रियों को बैठने या खड़े होने में परेशानी होती है, जिससे यात्रा थकाऊ और असुरक्षित बन जाती है।
*कानूनी परिणाम:*
ओवरलोडिंग यातायात नियमों का उल्लंघन है, जिसके लिए जुर्माना या कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
*अपील:*
उन्होंने सभी वाहन चालकों, मालिकों और यात्रियों से अपील करते हुए कहा कि सवारी वाहनों और बसों में ओवरलोडिंग से बचें। अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए वाहन की निर्धारित क्षमता का पालन करें। यह न केवल दुर्घटनाओं को रोकेगा, बल्कि सड़कों को सुरक्षित और यात्रा को सुखद बनाएगा। आइए, हम सब मिलकर जिम्मेदार नागरिक बनें और यातायात नियमों का सम्मान करें। सुरक्षित यात्रा, स्वस्थ जीवन!