उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए सुरंग हादसे में 41 मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं. 12 नवंबर को सिल्क्यारा में सुरंग ढहने के बाद से फंसे मजदूरों को बचाने की उम्मीद समय बीतने के साथ धुंधली पड़ती जा रही है. इन्हें सुरंग में फंसे हुए 9 दिन बीत चुके हैं और बचाव दल को अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. उनके स्वास्थ्य को लेकर भी चिंताएं बढ़ रही हैं.
सोमवार (20 नवंबर) को सोमवार को एक पतले से पाइप के जरिए अधिकारियों से बात करते हुए मजदूरों ने जल्दी बचाने की गुहार लगाते हुए निराशा और आशा दोनों व्यक्त कीं. उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि अरुण कुमार के साथ उनकी बातचीत हुई. जो बातचीत हुई वो बेहद चिंताजनक थी. दरअसल इस टनल में उत्तर प्रदेश के भी 8 मजदूर फंसे हुए हैं. इन मजदूरों ने अरुण कुमार से कहा कि जल्दी बाहर निकालो, यहां हालत बहुत खराब है.
‘चिंता न करो, हौसला बनाए रखो’
मजदूरों से बात करते हुए अरुण कुमार ने उन्हें हौसला देते हुए कहा, “चिंता न करें, हौसला बनाए रखें. पूरा देश आप लोगों के लिए दुआएं कर रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन जल्दी ही सफल होगा और हम सभी एक साथ घर जाएंगे.” वहीं, इस बातचीत के दौरान यूपी के एक मजदूर ने अरुण कुमार से कहा, “हमें खाना मिल रहा है लेकिन हम सभी की हालत बहुत खराब है. रेस्क्यू ऑपरेशन कहां तक बढ़ा? हमें जल्दी बाहर निकालिए. दिन ब दिन मुश्किल होता जा रहा है.”
इसके अलावा एक अन्य मजदूर राम सुंदर ने कहा, “हमारे परिवार वालों से कह देना कि चिंता न करें और अपना ध्यान रखें.” इस बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी परिवालों के साथ शेयर की गई.
अलग-अलग राज्यों की सरकारों ने भेजे अपने प्रतिनिधि
दरअसल इस सुरंग में अलग-अलग राज्यों के मजदूर फंसे हुए हैं. इन राज्यों की सरकारों ने रेस्क्यू एजेंसी से बातचीत के लिए अपने-अपने प्रतिनिधि भेजे. अरुण कुमार मिश्रा इन्ही में से एक हैं जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने मजदूरों का हालचाल और बचाव कार्य की जानकारी लेने के लिए भेजा गया.