ग्रेटर नोएडा : देश में एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर मंथन के लिए शारदा यूनिवर्सिटी, नॉलेज पार्क, ग्रेटर नोएडा में दिनांक 10 मई 2025 को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव: युवा टाउनहॉल’ कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में शिक्षा, चिकित्सा, पत्रकारिता, कानून, इंजीनियरिंग और सामाजिक संगठनों से जुड़े हजारों युवाओं और गणमान्य व्यक्तियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम के संयोजक पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद डॉ. महेश शर्मा रहे, जबकि अध्यक्षता शारदा यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति पी.के. गुप्ता ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह जी रहे। मंच पर क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री सतेन्द्र शिसोदिया, दादरी विधायक मास्टर तेजपाल नागर, एमएलसी श्रीचंद शर्मा, जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह, एमएलसी नरेन्द्र भाटी और जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी सहित कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि धर्मपाल सिंह ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को एक प्रशासनिक सुधार बताते हुए कहा कि लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ होने से देश के संसाधनों पर होने वाला भारी खर्च बचेगा। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि अकेले 2024 के लोकसभा चुनाव पर लगभग 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपये का खर्च आया। बार-बार चुनाव होने से आचार संहिता के कारण विकास कार्य भी बाधित होते हैं। एक साथ चुनाव होने से बचने वाला लाखों-करोड़ों रुपया जनता के हित में इस्तेमाल होगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी की अध्यक्षता में बनी समिति का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विषय अब प्रबुद्ध जनों के बीच चर्चा में है और जन-जन तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से इस राष्ट्रहित के बिल का समर्थन करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर सैकड़ों शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं, डॉक्टर, इंजीनियर, पत्रकार और विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों सहित हजारों लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की और चर्चा में भाग लिया। कार्यक्रम में जिला प्रभारी प्रमोद गुप्ता, जिलाध्यक्ष अभिषेक शर्मा, क्षेत्रीय महामंत्री हरीश ठाकुर सहित बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
यह आयोजन ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के विषय पर युवाओं और प्रबुद्ध वर्ग के विचारों को जानने तथा जन जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।