–पीपीपी मॉडल पर एफओबी बनाने को कंपनियों तैयार फाइनेंशियल बिड खुली
–एक साल में बनाने का लक्ष्य, ग्रेनो प्राधिकरण को हर माह नौ लाख मिलेंगे भी
–ग्रेनो में तीन और जगहों पर एफओबी बनाने के लिए दोबारा से निकलेगा टेंडर
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ग्रेटर नोएडा। लंबे इंतजार के बाद ग्रेटर नोएडा में फुटओवर ब्रिज बनाने का रास्ता साफ हो गया है। प्राधिकरण ने कुल 8 जगहों पर फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए टेंडर जारी किया था, जिसमें से 5 जगहों पर फुटओवर ब्रिज बनाने वाली कंपनियों का चयन कर लिया गया है। तीन और जगहों पर फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए दोबारा टेंडर होगा। पीपीपी के अंतर्गत डीबीएफओटी (डिजाइन, बिल्ट, फंड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) के पैटर्न पर बनने वाले इन पांच फुटओवर ब्रिज से प्राधिकरण को हर माह करीब नौ लाख रुपये की आमदनी होगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने एफओबी बनाने के लिए कुछ और लोकेशनों को चिंहित करने के निर्देश दिए। साथ ही पीपीपी मॉडल पर ही कुछ और विकास परियोजनाएं लाकर मासिक आमदनी को 50 लाख रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य दिया है। इस रकम को स्वच्छता व शहर के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा।
प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा को तीन जोन में बांटते हुए कुल 8 जगहों पर फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए टेंडर जारी किया था। ये फुटओवर ब्रिज ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर-कासना रोड पर कैलाश अस्पताल के सामने, गामा शापिंग कॉम्प्लेक्स के सामने, ओमेगा शापिंग कॉम्प्लेक्स, दुर्गा टाकीज जंक्षन, कलेक्ट्रेट के सामने, ग्रेनो वेस्ट में एक मूर्ति गोलचक्कर, निराला एस्टेट टाउनशिप के सामने और सुपरटेक इकोविलेज के सामने बनने हैं। बुधवार को तीनों जोन के 8 एफओबी बनाने के लिए जारी टेंडर की फाइनेंशियल बिड खुली। इन 8 में से पांच जगहों पर फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए कंपनियों का चयन कर लिया गया है। ये पांच फुटओवर ब्रिज ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर-कासना रोड पर कैलाश अस्पताल के सामने, गामा शापिंग कॉम्प्लेक्स के सामने और ग्रेनो वेस्ट में एक मूर्ति गोलचक्कर, निराला एस्टेट टाउनशिप के सामने और सुपरटेक ईकोविलेज के सामने बनेंगे। इन फुटओवर ब्रिज की डिजाइन, कंस्ट्रक्शन और कंप्लीशन का परीक्षण आईआईटी से कराया जाएगा। इन सभी फब में सीढ़ी और लिफ्ट का प्रावधान किया गया है। वहीं ओमेगा शापिंग कॉम्प्लेक्स, दुर्गा टाकीज जंक्शन, कलेक्ट्रेट के सामने के फुटओवर ब्रिज को बनवाने के टेंडर के फाइनेंशियल बिड में सिर्फ दो ही कंपनियां क्वालीफाई कर सकीं हैं। इसलिए इनकी फाइनेंशियल बिड नहीं खुली। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इन फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए दोबारा टेंडर जारी करेगा। इन सभी जगहों पर राहगीरों की आवाजाही बहुत है। फुटओवर ब्रिज बनने से बड़ी राहत मिल जाएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने एफओबी के लिए कंपनियों का चयन होने पर खुशी जताई है और इन फुटओवर ब्रिज को तय समय पर पूरा कराने की बात कही है।