प्राइवेट सेक्टर के एक्सिस बैंक को जरा सी लापरवाही का नुकसान उठाना पड़ा है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने उस पर करीब 91 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इसी के साथ गोल्ड लोन देने वाली कंपनी मणप्पुरम फाइनेंस और फाइनेंस सेक्टर की आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस कंपनी पर भी जुर्माना ठोका गया है. दोनों कंपनियों को भी जुर्माने में भारी-भरकम रकम चुकानी है. आखिर क्यों लगा है ये जुर्माना?
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बयान में बताया है कि एक्सिस बैंक ने केवाई गाइडलाइंस-2016 के कई प्रावधानों का पालन सही से नहीं किया. इसके अलावा बैंकिंग सर्विसेस को आउटसोर्स करने, लोन से जुड़े रिस्क मैनेजमेंट, करेंट अकाउंट खोलने और ऑपरेट करने से जुड़े अन्य नियमों का भी पालन नहीं किया है. इस वजह से बैंक को 90.92 लाख रुपए का जुर्माना भरना है.
केंद्रीय बैंक ने अपनी रेग्युलेटरी शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक्सिस बैंक पर ये जुर्माना लगाया है. इस संबंध में आरबीआई ने 2 नवंबर 2023 को एक आदेश भी जारी किया था, लेकिन बैंक उसका भी पालन नहीं कर पाया है. वहीं केंद्रीय बैंक ने अपने बयान में साफ किया है कि बैंक के खिलाफ ये कार्रवाई रेग्युलेटरी नियमों के पालन में कमी को लेकर लगाई गई है. उसका उद्देश्य बैंक का उसके ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेन-देन या समझौते की वैलिडिटी को लेकर कोई निर्णय सुनाना नहीं है.
मणप्पुरम और आनंद राठी फाइनेंस पर भी जुर्माना
केंद्रीय बैंक ने एक अलग बयान में जानकारी दी कि त्रिशूर स्थित मणप्पुरम फाइनेंस पर 42.78 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना ‘नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों से जुड़े ‘सिस्टमैटिक इंपोर्टेट नॉन- डिपॉजिट टेकिंग कंपनी एंड डिपॉजिट टेकिंग कंपनी (रिजर्व बैंक) दिशानिर्देश-2016’ का सही से पालन नहीं करने के लिए लगाया गया है.
इस नियम को सही से समझें, तो आरबीआई ने नॉन बैकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए कुछ नियम बनाए हैं. अब कुछ एनबीएफसी आम ग्राहकों से डिपॉजिट ले सकती हैं, जबकि कुछ को इसकी इजाजत नहीं है. इससे जुड़े नियमों की अनदेखी करने पर रिजर्व बैंक ने मणप्पुरम फाइनेंस पर जुर्माना लगाया गया है.
इसी तरह केवाईसी (अपने ग्राहक को जानों) नियम का पालन नहीं करने के लिए आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस लिमिटेड पर भी 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.