लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकना बड़ा चैलेंज है। अधिकांश दुर्घटनाएं ओवरस्पीडिंग के कारण होती हैं। ड्राइवर दक्ष या कुशल न हो, तब भी यह दुर्घटना होती हैं। सीएम ने चिंता जताते हुए एक-एक व्यक्ति की जान बचाने का आह्वान किया। उन्होंने सड़क सुरक्षा व जनजागरूकता पर जोर देते हुए कहा कि कोरोना में दो वर्ष में 24 हजार से कम लोगों की मृत्यु हुई, जबकि सड़क दुर्घटना में प्रतिवर्ष यूपी में 20-22 हजार लोगों की मौत होती है। थोड़े प्रयास से अमूल्य जान बचाई जा सकती है।
सीएम योगी ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर 50 बस, 38 इंटरसेप्टर वाहन व 12 पब्लिसिटी वैन को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने 4100 इलेक्ट्रिक वाहन स्वामियों के खाते में अनुदान राशि का ऑनलाइन हस्तांतरण किया। यहां पर परिवहन विभाग व मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के साथ पांच ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टिट्यूट के ऑटोमेशन व संचालन के लिए एमओयू किया गया। वहीं सीएम के समक्ष महिला चालकों के प्रशिक्षण के लिए उप्र कौशल विकास मिशन व उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ भी समझौता ज्ञापन हुआ। सीएम ने यूपी की बेहतरीन ईवी पॉलिसी के बारे में भी बताया।
*कोरोना के समय अवर्णनीय है परिवहन विभाग की सेवा*
सीएम ने कहा कि परिवहन विभाग ट्रांसपोर्ट का प्रमुख माध्यम है। विभाग ने प्रयागराज कुंभ में बेहतरीन सेवा दी थी। पहली बार देश-दुनिया के श्रद्धालुओं को कुंभ का वास्तविक अर्थ पता लगा, जब संगम से एक किमी. से कम दूरी तक परिवहन विभाग उन्हें पहुंचा रहा था। कोरोना में भी उप्र के 40 लाख कामगार व 60 लाख अन्य प्रदेशों के कामगारों को गंतव्य तक पहुंचाने में परिवहन विभाग की सेवा अवर्णनीय है। सीएम ने कहा कि आज जिन बसों का शुभारंभ किया गया है। इसका उपयोग एनसीआर रीजन में किया जाएगा।
*अब हर क्षेत्र में महिलाएं कर रहीं काम*
सीएम ने महिला चालकों के प्रशिक्षण के लिए उप्र कौशल विकास मिशन व उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ हुए एमओयू की चर्चा करते हुए कहा कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को प्रशिक्षण देने का माध्यम बनेगा। स्वयंसेवी समूह की महिलाओं को इससे जुड़ने का अवसर मिलेगा। महिलाएं अब हर क्षेत्र में काम कर रही हैं। परिवहन निगम ने पिछले दिनों अयोध्या में कार्यक्रम का आगाज किया था। यहां चालक व परिचालक की जिम्मेदारी महिलाओं ने संभाली थी। महिलाओं के लिए प्रशिक्षण के जरिए रोजगार के सृजन की संभावनाएं भी बनेंगी।
यूपी में दो लाख बसों की आवश्यकता
सीएम ने ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में रोजगार के अवसर तलाश रहे प्रदेश के युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि आज के समय में एक लाख ईवी बसों की आवश्यकता है। इसे गांव-गांव से जोड़ दें तो एक लाख अतिरिक्त बसों यानी की यूपी में कुल दो लाख से अधिक ईवी बसों की आवश्यकता होगी। इससे रोजगार सृजन के साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट की भी बेहतरीन सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि एक करोड़ की बस खऱीदने पर 20 लाख रुपये सरकार दे रही है। इससे डीजल समेत अन्य खर्चों पर अंकुश लग जाएगा। सीएम ने आह्वान किया कि हर पेट्रोल पंप पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग मशीन स्थापित की जानी चाहिए।
कार्यक्रम में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, औद्योगिक व अवस्थापना आयुक्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव (परिवहन) वेंकटेश्वर लू, परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर, परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कॉरपोरेट अफेयर्स) राहुल भारती व वाइस प्रेसिडेंट (सीएसआर) तरुण अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
10 लाभार्थियों को दिया चेक
सीएम ने कार्यक्रम में 10 इलेक्ट्रिक वाहन स्वामियों यश त्रिपाठी, शक्ति स्वरूप सिन्हा, सौम्या शुक्ला, अनिल चौधरी, अनुराग सिंह, राजवंश प्रधान, अनिल गुप्ता, पूनम मेहरोत्रा, अनूप सिंह व स्मिता को चेक प्रदान किया।
पांच जनपदों में डीटीआई का ऑटोमेशन व संचालन करेगी मारुति सुजुकी
परिवहन विभाग व मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के साथ पांच ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टिट्यूट के ऑटोमेशन व संचालन के लिए एमओयू किया गया। मारुति सुजुकी के साथ पांच जनपद गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी, मथुरा व प्रयागराज में सात वर्ष के संचालन के लिए यह एमओयू हुआ है। दो करोड़ रुपये प्रति सेंटर मारुति सुजुकी की तरफ से लगाया जाएगा। तीन वर्ष तक पांचों इंस्टीट्यूट का मेंटिनेंस भी कंपनी करेगी। इस दौरान सीएम ने कहा कि हमें कुशल ड्राइवर और तकनीकी का बेहतर लाभ मिलेगा।